आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें, सुना है उसे रोते हुए
लिपट जाने की आदत है !
हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम, फिर
वही शायरी, फिर वही इश्क, फिर वही तुम.
सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा, जमाना
तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है.!
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल.. अभी तो
पलकें झुकाई है मुस्कुराना अभी बाकी है उनका.
तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना,
हम 'जान' दे देते हैं मगर 'जाने' नहीं देते !
तू सचमुच जुड़ा है गर मेरी जिंदगी के साथ, तो कबूल
कर मुझको मेरी हर कमी के साथ !
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर.. तेरे सामने
आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है !
तू बात करने का मौका तो दे, कसम से कहता हु,
रूला देंगे तुझे तेरे ही सितम गिनाते गिनाते
हर कोई पूछता है, करते क्या हो तुम ?? जेसे
मोहब्बत कोई काम ही नहीं..
बाज़ार के रंगों से रंगने की मुझे जरुरत नही, किसी
की याद आते ही ये चेहरा गुलाबी हो जाता है.
हो जा मेरी कि इतनी मोहब्बत दूँगा तुझे, लोग
हसरत करेंगे तेरे जैसा नसीब पाने के लिए..!
गर्मी तो बोहत पढ़ रही है। फिर भी उनका दिल
पिघलने का नाम ही नहीं ले रहा ।
जरा देखो तो ये दरवाजे पर दस्तक किसने दी है,
अगर 'इश्क' हो तो कहना, अब दिल यहाँ नही
रहता..
अगर हम सुधर गए तो उनका क्या होगा जिनको
हमारे पागलपन से प्यार है
हज़ार बार ली है तुमने तलाशी मेरे दिल की, बताओ
कभी कुछ मिला है इसमें प्यार के सिवा.
उसकी हर एक शिकायत देती है मुहब्बत की गवाही,
अजनबी से वर्ना कौन हर बात पर तकरार करता है ?
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