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Monday 1 August 2016

SHAYARI IN HINDI

आप की याद आती रही रात भर
चाँदनी दिल दुखाती रही रात भर''
गाह जलती हुई, गाह बुझती हुई
शम्म'ए-ग़म झिलमिलाती रही रात भर
कोई ख़ुशबू बदलती रही पैरहन
कोई तस्वीर गाती रही रात भर
फिर सबा साया-ए-शाख़े-गुल के तले
कोई क़िस्सा सुनाती रही रात भर
जो न आया उसे कोई ज़ंजीरे-दर
हर सदा पर बुलाती रही रात भर
एक उम्मीद से दिल बहलता रहा
इक तमन्ना सताती रही रात भर
                                  faiz-ahmad

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