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Monday 1 August 2016

HINDI SHAYARI IN HINDI

चलो फिर से मुस्कुराएँ
चलो फिर से दिल जलाएँ
जो गुज़र गयी हैं रातें
उन्हें फिर जगा के लाएँ
जो बिसर गयी हैं बातें
उन्हें याद में बुलाएँ
चलो फिर से दिल लगाएँ
चलो फिर से मुस्कुराएँ
किसी शह-नशीं पे झलकी
वो धनक किसी क़बा की
किसी रग में कसमसाई
वो कसक किसी अदा की
कोई हर्फ़े-बे-मुरव्वत
किसी कुंजे-लब से फूटा
वो छनक के शीशा-ए-दिल
तहे-बाम फिर से टूटा
ये मिलन की, ना-मिलन की
ये लगन की और जलन की
जो सही हैं वारदातें
जो गुज़र गई हैं रातें
जो बिसर गई हैं बातें
कोई इनकी धुन बनाएँ
कोई इनका गीत गाएँ
चलो फिर से मुस्कुराएँ
चलो फिर से दिल लगाएँ
                        faiz-ahmad

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