दुख के श्मशान में एक कब्र है जीवन का
जिसे भी देखिए वो लाश सा नजर आए
जिसे भी देखिए वो लाश सा नजर आए
दिल में हंसते हुए आए थे वो मैयत पे
चेहरे से जो गम में डूबे से नजर आए
चेहरे से जो गम में डूबे से नजर आए
जिन मजारों पे कोई फूल न दिखता हो
वो किसी आशिक के घर सा नजर आए
वो किसी आशिक के घर सा नजर आए
जो कफन को देखते हैं तेरे आंचल में
उसकी आंखों में तुमसे इश्क सा नजर आए
उसकी आंखों में तुमसे इश्क सा नजर आए
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तू मेरे इश्क का बुरा अंजाम न कर
दिल रो दे मेरा ऐसा कोई काम न कर
दिल रो दे मेरा ऐसा कोई काम न कर
बल खाने दे अपनी जुल्फों को हवाओं में
जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर
जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर
मुझपे कयामत ढाती है तेरी गजल सी सूरत
मेरे दिल की मैयत का इंतजाम न कर
मेरे दिल की मैयत का इंतजाम न कर
ख्वाब ये टूट न जाए इस जनम में मेरा
इस बस्ती में मेरा इश्क सरेआम न कर
इस बस्ती में मेरा इश्क सरेआम न कर
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सीने में दफन है वो गुजरा जमाना
खामोशी बन गयी जीने का बहाना
खामोशी बन गयी जीने का बहाना
दर्द के बदन पे तबस्सुम की पैरहन
निगाहों की उदासी कहती है फसाना
निगाहों की उदासी कहती है फसाना
अपने हैं मेरे दूर, मैं खुद से बहुत दूर
तन्हाई ने मुझे बना दिया है दीवाना
तन्हाई ने मुझे बना दिया है दीवाना
उस हुस्न को देखा हमें इश्क हो गया
बरसों तलक मिला रोने का बहाना
बरसों तलक मिला रोने का बहाना
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मुझे दिल से जो भुला दिया, तो तूने क्या बुरा किया
कांटे का दामन छोड़ कर, जो भी किया अच्छा किया
कांटे का दामन छोड़ कर, जो भी किया अच्छा किया
आवारगी की राह पे चलके मुझे मंजिल मिली
जिसने मुझे बेघर किया उसने भी कुछ भला किया
जिसने मुझे बेघर किया उसने भी कुछ भला किया
जिनके घरों में आंसू थे वहीं पे मुझे पानी मिला
इस शहर में मेरी प्यास ने कुछ ऐसा तज़रबा किया
इस शहर में मेरी प्यास ने कुछ ऐसा तज़रबा किया
ऐ दिल बता तुझे क्या मिला मेरे दाग से खेलकर
तूने दर्द से सौदा किया, अपनी गजल बेचा किया
तूने दर्द से सौदा किया, अपनी गजल बेचा किया
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